मासिक सत्संग - नवम्बर

नवम्बर माह का सत्संग, विश्व जागृति मिशन जालंधर एवं कपूरथला पारिवारिक संकीर्तन समिति के सदस्य श्री संदीप एवं श्रीमती सुषमा जी ने अपने निवास स्थान क्वाटर नंबर 466-C Rail Coach Factory, Kapurthala. पर 13, 14 नवम्बर को सत्संग आयोजन किया | यह एक त्रिसत्रिय कार्यक्रम था जिसमे उन्होंने मुख्य रूप से आनंद धाम आश्रम के आचार्य श्री अनिल झा , भजनं गायक श्री K L Chugh, श्री राम बिहारी एवं तबला वादक श्री प्रमोद को आमंत्रित किया | दिल्ली से आये इन मेहमानों का स्वागत श्री S.K. Chawla, श्री सुभाष, श्री तुली, आकाश चावला, ने जालंधर रेलवे स्टेशन पर फूलों के हार व् गुलदस्तों से किया | पूज्य गुरुवार का जयघोष किया गया, तत्पश्चात Shri S K Chawla जी के निवास स्थान 367 Urban Estate Phase-1 Jalandhar, में सभी गुरुभक्तों  ने उनका हार्दिक स्वागत किया | घर के मुख्य द्वार को फूलों से तथा रंगोली से सजाया तथा प्रवेश द्वार पर उनकी आरती उतारी गयी व् फूलों की वर्षा की गयी | सभी गुरुभाक्तों ने आधे घंटे के लिए सत्संग किया | सभी ने प्रसाद स्वरुप लंगर ग्रहण किया | 3 बजे सभी गुरु भक्त कपूरथला के लिए रवाना हो गये | श्रीमती एवं श्री संदीप ने घर के मुख्य द्वार को रंगोली से  सजाया, पूरे R.C.F. में ख़ुशी का माहौल था | सुबह से ही कालोनी में कैसेट के माध्यम से गुरुवर के भजन गूँज रहे थे, जिस से पूरा वातावरण भक्तिमय बना हुआ था | करीब 4 बजे आचार्य जी एवं दिल्ली से पधारे अन्य गुरु शिष्य कपूरथला पोहुंचे तो श्री संदीप जी ने उनका हार्दिक स्वागत फूलों से किया | सायं ठीक 5 बजे सत्संग के पहले सत्र का आरम्भ हुआ जिसमे सबसे पहले स्कूल के बच्चों द्वारा स्वागत गीत पेश किया गया | तत्पश्चात श्री चुघ तथा राम बिहारी जी ने अपने मधुर भजनों से भक्तों को निहाल किया | 5:30 बजे आचार्य श्री अनिल झा जी का पंडाल में पदार्पण हुआ
हम सब उनमे साक्षात् पूज्य गुरुवर की छवि ढून्ढ रहे थे | R.C.F के गणमान्य व्यक्तियों तथा विश्व जागृति मिशन के सदस्यों ने माल्यार्पण कर उनका स्वागत किया | आचार्य जी ने "श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी" की धुन लगा कर  सबको भक्ति गंगा में डुबकी लगवाई | उन्होंने अपने प्रवचनों में मुख्य रूप से बताया कि मनुष्य को सदा शुभ करम करने चाहिए, और किये गये पाप और पुन्य के कर्मो का फल अवश्य भोगना पड़ता है, सत्कर्मो के लिए दृढ  संकल्प शक्ति होनी चाहिए | अंत में उन्होंने "मेरे दाता के दरबार में सब लोगो का खाता" भजन गा कर वाणी को विराम दिया | उसके बाद आरती की  गयी तथा आये हुए सभी भक्तों ने लंगर ग्रहण किया |



सुबह 8 बजे द्वितीय सत्र का आरम्भ हुआ, जिसमे आचार्य जी ने ध्यान व् योग कि जानकारी दी, ताकि तन व् मन को स्वस्थ व् शुद्ध रखा जा सके | तत्पश्चात श्रीमती एवं श्री संदीप जी कि ओर से कंजक पूजन किया गया, तथा वृद्धों को सम्मानित किया गया | दोपहर को दो घंटे महिलाओं ने सत्संग किया तथा सभी ने दोपहर को प्रभु का प्रसाद स्वरुप लंगर ग्रहण किया |




शाम को 5 बजे तीसरे व् अंतिम सत्र आरम्भ हुआ | दो दिन का समय जाने कैसे बीत गया, पता ही नहीं चला | हम अपने गुरुवर व् परमपिता से जुड़े रहे, तथा भक्तिरस पीते रहे | आचार्य जी ने "गुरुवर आ जाओ, तेरे दर्शन के प्यासे हम" भजन गा कर सबको आनंद विभोर किया | अपनी भक्ति चर्चा में बताया की जीवन के जो क्षण प्रभु भक्ति में बीतें वो ही सार्थक हैं | जीवन में भक्ति आने पर, अनेक सार्थक परिवर्तन हो जाते हैं | व्यक्ति द्वंध रहित तथा प्रेम पूरण हो जाता है | इस बहुमूल्य चर्चा को यथाशक्ति सब ने ग्रहण किया | शाम को 8 बजे आरती के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ | आचार्य जी ने सभी को पूज्य गुरुवर की ओर से मंगलकामना तथा शुभ आशीष दिया | श्री S.K. Chawla जी ने विश्व जागृति मिशन की विभिन्न गतिविधियों की तथा सेवा प्रकल्पों की जानकारी सभी को दी | अंत में सभी ने लंगर ग्रहण किया संदीप परिवार ने लुधिअना , होशिआरपुर , दसुया एवं जालंधर से आये सभी भक्तों का धन्यवाद किया |
15 नवम्बर को सुबह दिल्ली से आये मुख्य अतिथि एवं सत्संग समिति के कुछ सदस्य अमृतसर के लिए रवाना हुए | जलियांवाला बाग, दुर्गिअना मंदिर  एवं हरिमंदिर साहिब के दार्शन के बाद, अमृतसर के गुरुभक्त श्री नागपाल  जी ने अपने निवास स्थान पर उनका स्वागत किया | कुछ भजन कीर्तन के बाद सब ने वह दोपहर का भोजन ग्रहण किया और जालंधर के लिए रवाना हो गये | जालंधर रेलवे स्टेशन पर श्रीमती एवं श्री तुली, श्री सुभाष , श्री S K Chawla, श्रीमती परवीन चावला, आकाश चावला, गुरबक्श कौर, नताशा, श्री राकेश , श्रीमती सुमन , श्री संदीप, सुषमा , श्री रंधीर एवं श्रीमती शशि ने आचार्य जी को व् दिल्ली से आये अन्य मुख्य मेहमानों को भावभीनी विदायगी दी | यह हम सब के लिए अस्म्र्नीय क्षण हैं |










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